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A Review Of Shiv chalisa in hindi

jonahk776fsf2
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥ तुरत षडानन आप https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa
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